कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 8 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक छुट्टियां घोषित कर दी हैं। यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है, जिससे लाखों छात्रों और अभिभावकों को अचानक छुट्टियों की खबर मिली।

छुट्टी का कारण
इन छुट्टियों का मुख्य कारण राज्य में चल रहा जाति-आधारित सामाजिक-शैक्षिक सर्वेक्षण है। यह सर्वे 22 सितंबर से शुरू हुआ था और पहले योजना थी कि इसे 7 अक्टूबर तक खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन कई जिलों में सर्वे की रफ्तार धीमी होने के चलते सरकार ने इसके लिए अतिरिक्त 10 दिन का समय दे दिया।
किन जिलों में कितना पूरा हुआ काम
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक में जानकारी साझा की कि कोप्पल जिले ने 97% सर्वे पूरा कर लिया है, जबकि उडुपी में 63% और दक्षिण कन्नड़ में सिर्फ 60% काम हो सका है। राजधानी बेंगलुरु की स्थिति सबसे पीछे है, जहां अब तक महज 34% सर्वे ही पूरा हो पाया है।
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शिक्षक देंगे सर्वे पर पूरा समय
वर्तमान में करीब 6,700 शिक्षक इस सर्वे में लगे हुए हैं। कर्नाटक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय शिक्षक संघ और कांग्रेस एमएलसी उत्थाना ने सरकार से आग्रह किया था कि सर्वे को पूरी तरह और सही तरीके से पूरा करने के लिए उन्हें अतिरिक्त समय दिया जाए। इसी मांग पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के परामर्श से छुट्टियों की घोषणा कर दी।
छात्रों और अभिभावकों के लिए क्या मतलब
इन छुट्टियों के दौरान स्कूलों में कोई शिक्षण गतिविधि नहीं होगी, और शिक्षक केवल सर्वेक्षण कार्य पर ध्यान देंगे। 18 अक्टूबर के बाद ही स्कूल दोबारा खुलेंगे और सामान्य कक्षाएं शुरू होंगी।