
भारत में सोना हमेशा से निवेश और सुरक्षा का प्रतीक रहा है, लेकिन आने वाले महीनों में इसकी कीमतें नई ऊंचाइयों को छू सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, 2025 के अंत तक सोने की दरें 1.20 से 1.30 लाख रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकती हैं, जबकि 2026 की शुरुआत में यह आंकड़ा 1.50 लाख रुपये तक जाने की संभावना है।
गोल्ड प्राइस बढ़ने की बड़ी वजहें
- सेंट्रल बैंकों की भारी खरीदारी:
कई देशों के सेंट्रल बैंक लगातार गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं। इसका सीधा असर बाजार की डिमांड पर पड़ता है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। - ETF इनफ्लो से बाजार को बूस्ट:
पिछले कुछ महीनों में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में लगातार इनफ्लो बढ़ रहा है। निवेशक इक्विटी की अस्थिरता से बचने के लिए सोने में पैसा डाल रहे हैं, जिससे कीमतों को मजबूत सपोर्ट मिला है। - जियोपॉलिटिकल तनाव और डॉलर की कमजोरी:
विश्व अर्थव्यवस्था में जारी अनिश्चितता, युद्ध जैसी परिस्थितियां और डॉलर इंडेक्स में कमजोरी भी गोल्ड को सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रही हैं।
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निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
अगर आप लंबी अवधि का निवेश करना चाहते हैं, तो यह समय सोने में धीरे-धीरे निवेश शुरू करने का हो सकता है। डिजिटल गोल्ड, ETF और गोल्ड बॉन्ड जैसी योजनाएं छोटे निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प बन सकती हैं।
आने वाले महीनों में संभावित रुझान
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सेंट्रल बैंक की खरीद और निवेशकों का रुझान इसी तरह जारी रहा, तो 2026 तक प्रति 10 ग्राम सोने की कीमतें 1.50 लाख रुपये का स्तर पार कर सकती हैं। हालांकि, डॉलर रेट और ब्याज नीति जैसे कारक इस रफ्तार को धीमा भी कर सकते हैं।