भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जो किसानों को न सिर्फ आर्थिक सहारा देती हैं बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाती हैं। आमतौर पर किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) के बारे में पता होता है, लेकिन इसके अलावा भी कई योजनाएं हैं जो उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
यह योजना 2019 में किसानों की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसके तहत पूरे देश के योग्य किसानों के बैंक खाते में सरकार सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता देती है। यह राशि तीन समान किस्तों में सीधे डीबीटी (DBT) के माध्यम से भेजी जाती है, जिससे किसान खेती से जुड़ी आवश्यक चीजें खरीद सकें।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना
इस योजना का उद्देश्य उम्रदराज किसानों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है। 18 से 40 वर्ष की आयु के छोटे और सीमांत किसान हर महीने 55 से 200 रुपये तक पेंशन फंड में जमा करते हैं, वहीं उतनी ही राशि केंद्र सरकार भी योगदान के रूप में देती है। 60 साल की उम्र पूरी होने पर किसान को 3,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है, जो बुढ़ापे में आर्थिक सहारा प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
यह योजना 2016 में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए शुरू की गई थी। फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को बीमा के जरिए मुआवजा मिलता है। इस योजना के जरिए किसानों को बुवाई से लेकर कटाई तक की अवधि के लिए संपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है — कम प्रीमियम और पूरी पारदर्शिता।
मॉडिफाइड इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम
यह योजना किसानों को सस्ते ब्याज दरों पर फसल ऋण उपलब्ध कराती है। इसके तहत योग्य किसानों को 3 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म एग्रीकल्चर लोन सिर्फ 7% वार्षिक ब्याज दर पर दिया जाता है। यदि किसान समय पर लोन चुकाता है, तो उसे 3% की अतिरिक्त ब्याज छूट मिलती है, जिससे प्रभावी दर 4% रह जाती है। यह सुविधा छोटे और सीमांत किसानों के लिए काफी सहायक है।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई यह योजना कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का रास्ता खोलती है। इसके तहत किसानों, उद्यमियों और संगठनों को खेती के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने, वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं बनाने के लिए फाइनेंशियल मदद दी जाती है। इस योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है, जिस पर 3% ब्याज सबवेंशन और 2 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट गारंटी की सुविधा दी जाती है।
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किसान उत्पादक संगठन (FPO) योजना
सरकार ने किसानों को सामूहिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) स्थापित करने की योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत किसानों को समूह बनाकर बाजार से जुड़ने, प्रशिक्षण लेने और अपने उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने का अवसर मिलता है। हर FPO को लगभग 18 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता और 2 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट गारंटी की सुविधा भी दी जाती है।
क्यों खास हैं ये योजनाएं
इन योजनाओं से किसानों की आर्थिक स्थिति में स्थिरता आती है। फसल नुकसान पर बीमा राहत, वृद्धावस्था में पेंशन, ब्याज में छूट और कृषि ढांचे में सुधार जैसी सुविधाओं से किसान पहले की तुलना में अधिक आत्मनिर्भर बन रहे हैं। ये कार्यक्रम केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम हैं।

















