अगर आपके घर में हाल ही में बेटी का जन्म हुआ है, तो यह खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद है। सरकार अब ‘भाग्य लक्ष्मी योजना’ के ज़रिए बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। इस योजना के तहत गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवारों को बेटी के जन्म पर ₹55,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि बच्चे की शिक्षा और परवरिश में किसी तरह की परेशानी न हो।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी बेटी की शिक्षा, स्वास्थ्य या पालन-पोषण केवल आर्थिक मजबूरी के कारण रुक न जाए। सरकार इस योजना के ज़रिए बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और लिंग समानता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।

कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) श्रेणी में आते हैं। पात्र परिवार में अधिकतम दो बेटियाँ होनी चाहिए। आवेदन करने वाली माँ की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए, और जन्म केवल सरकारी या पंजीकृत अस्पताल में होना अनिवार्य है।
योजना के तहत मिलने वाली राशि इस प्रकार है:
- बेटी के जन्म के तुरंत बाद ₹5,000 की शुरुआती सहायता दी जाती है।
- जब बेटी कक्षा 6वीं, 9वीं और 12वीं में दाखिला लेती है, तो प्रत्येक चरण पर अतिरिक्त किश्तें जारी होती हैं।
- बेटी के 21 वर्ष की होने या उच्च शिक्षा पूरी करने पर उसके नाम पर ₹55,000 की अंतिम राशि जमा होती है।
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कैसे करें आवेदन?
योजना का लाभ उठाने के लिए माता-पिता नज़दीकी महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय जाकर या अपने राज्य की सामाजिक कल्याण विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय निम्न दस्तावेज़ आवश्यक होंगे —
- माता-पिता का आधार कार्ड
- बेटी का जन्म प्रमाणपत्र
- राशन कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
दस्तावेज़ जमा करने और सत्यापन के बाद पूरी राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
यह योजना क्यों है खास
भाग्य लक्ष्मी योजना का मकसद केवल आर्थिक मदद देना नहीं, बल्कि समाज में बेटी के प्रति सोच को बदलना है। सरकार चाहती है कि प्रत्येक बेटी को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान का समान अधिकार मिले, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।