लोन लेने की सोच रहे हैं, लेकिन CIBIL स्कोर (क्रेडिट स्कोर) की चिंता सता रही है? तो आपके लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर है। वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि अब बैंक सिर्फ कम या शून्य सिबिल स्कोर के आधार पर आपका लोन आवेदन खारिज नहीं कर सकते। यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जो पहली बार लोन लेने जा रहे हैं, खासकर युवाओं और छोटे कारोबारियों के लिए।

क्या है नया नियम और इसका मतलब?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन के लिए कोई न्यूनतम क्रेडिट स्कोर (Minimum Credit Score) की शर्त नहीं रखी है। RBI ने 6 जनवरी 2025 को एक मास्टर डायरेक्शन जारी किया था, जिसमें बैंकों और वित्तीय संस्थानों को साफ निर्देश दिया गया था कि वे सिर्फ क्रेडिट हिस्ट्री न होने की वजह से किसी का लोन आवेदन रिजेक्ट न करें।
इसका मतलब यह नहीं कि लोन मिलना आसान हो गया
हालांकि, इस खुशखबरी का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि बैंक अब बिना जांच-पड़ताल के किसी को भी लोन दे देंगे। बैंक अभी भी आपकी वित्तीय विश्वसनीयता (Financial Credibility) और लोन चुकाने की क्षमता की पूरी पड़ताल करेंगे। वे आपकी आय, बैंक ट्रांजैक्शन, पहले के लोन चुकाने का रिकॉर्ड (अगर कोई है), और डिफॉल्ट हिस्ट्री जैसे कई दूसरे फैक्टर देखेंगे। बिना सिबिल स्कोर के लोन देने में बैंकों का जोखिम थोड़ा बढ़ जाता है, इसलिए वे जांच-पड़ताल में कोई कोताही नहीं बरतेंगे।
पहली बार लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत
यह कदम वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इससे उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो पहली बार क्रेडिट सिस्टम में आ रहे हैं।
- युवा और छात्र: जो अपनी पढ़ाई या करियर की शुरुआत के लिए लोन लेना चाहते हैं।
- छोटे कारोबारी और MSMEs: जो अपना कारोबार शुरू करने या बढ़ाने के लिए फंड चाहते हैं।
- टियर 2 और टियर 3 शहरों के लोग: जो पहले क्रेडिट हिस्ट्री न होने के कारण फॉर्मल बैंकिंग सिस्टम से बाहर रह जाते थे।
क्या सिबिल स्कोर खत्म हो रहा है?
सरकार ने यह भी साफ किया है कि सिबिल स्कोर बंद नहीं हो रहा है। यह आगे भी लोन प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहेगा। एक अच्छा सिबिल स्कोर (आमतौर पर 750 से ऊपर) आपको भविष्य में बेहतर शर्तों, कम ब्याज दरों और ज्यादा लोन राशि दिलाने में मदद करेगा।
साथ ही, RBI के नियमों के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट (जिसमें स्कोर भी शामिल है) मुफ्त में ले सकता है, और क्रेडिट रिपोर्ट लेने की फीस 100 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती है।