भारतीय सेना से अगले साल भारी संख्या में अग्निवीरों के बाहर होने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत 2022 में भर्ती हुए जवानों को चार साल की सेवा के बाद सेना से विदा किया जाएगा, जिसमें से केवल 25% अग्निवीरों को स्थायी सेवा में रखने का प्रावधान है जबकि बाकी 75% को नौकरी छोड़नी होगी। इस बदलाव के साथ बड़ी चिंता यह है कि चार साल सेवा देने के बाद इन अग्निवीरों को किस प्रकार की नौकरी मिलेगी और उन्हें नौकरी में किस हद तक आरक्षण मिलेगा।

अग्निपथ योजना और अग्निवीरों की सेवा
अग्निपथ योजना जून 2022 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी, जिसमें युवाओं को 17.5 से 23 वर्ष की आयु में चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। इस अवधि के दौरान वे बेसिक और विशेष सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं और सेवा के अंत में एक “सेवा निधि” योजना के तहत आर्थिक सहायता मिलती है। सेवा समाप्ति पर 25% अग्निवीरों को स्थायी सेना में शामिल किया जाता है, जबकि बाकी का सेवाकाल समाप्त हो जाता है।
केंद्र सरकार की तैयारी और नौकरी आरक्षण
सेना से बाहर होने वाले अग्निवीरों के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया है कि उन्हें प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों में नौकरी मिले, जहां उनके सुरक्षा कार्य का अनुभव काम आ सके। इसके अलावा, कई राज्यों ने अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों में अलग-अलग आरक्षण लागू करना शुरू कर दिया है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस बल में अग्निवीरों के लिए 20% आरक्षण की घोषणा की है, जो कॉन्स्टेबल, फायरमैन, घुड़सवार पुलिस समेत कई पदों पर लागू होगा, साथ ही आयु सीमा में छूट भी दी जाएगी।
- हरियाणा, असम और राजस्थान जैसे राज्यों ने भी अग्निवीरों के लिए विभिन्न सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान किया है।
- इसके अतिरिक्त, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों जैसे सीआरपीएफ, सीएपीएफ, सीआईएसएफ और असम राइफल्स में अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण तय किया गया है, जिससे कई अग्निवीरों को फिर से वर्दी पहनने का मौका मिलेगा।
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राज्यों का रोल और मिलने वाले लाभ
उत्तराखंड सरकार ने भी 10% हॉरिजॉन्टल आरक्षण की घोषणा की है, जिसमें पुलिस, फायर ब्रिगेड, जेल, वन विभाग, और अन्य विभागों में भर्ती में आसानी होगी। इसके अलावा, आयु सीमा में छूट और शारीरिक दक्षता परीक्षण से भी छूट दी गई है, जिससे अग्निवीरों को नौकरी मिलने की संभावना बढ़ेगी।
यह व्यवस्था अग्निवीरों को न केवल रोजगार प्रदान करती है, बल्कि उनके प्रशिक्षण और अनुशासन का भी पूरा लाभ उठाती है। सरकार की यह पहल सैन्य सेवा से बाहर आने वाले युवाओं को समाज में नई दिशा और आर्थिक सुरक्षा देने का प्रयास है।
इस प्रकार, अग्निपथ योजना के अंतर्गत सेवा देने के बाद अग्निवीरों को कई राज्यों में सुरक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों में रिजर्वेशन मिलता रहेगा, वहीं प्राइवेट सिक्योरिटी क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह कदम अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

















