
किसानों की आर्थिक सेहत को मजबूत करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए सरकार लगातार नई पहलें कर रही है। इसी दिशा में केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल के तहत किसानों को अब डबल बेनिफिट मिल रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना को मिलाकर किसानों के खाते में हर साल कुल 12,000 रुपये की सहायता राशि डाली जा रही है।
क्या है यह योजना
‘किसान सम्मान, सरकार का संकल्प’ के तहत केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) स्कीम में किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाते हैं। यह रकम सीधे उनके बैंक खाते में तीन समान किस्तों में भेजी जाती है। इसी राशि के बराबर राज्य सरकार भी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के माध्यम से सहायता देती है। यानी किसानों को हर साल कुल 12,000 रुपये की फाइनेंशियल हेल्प मिल रही है।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का उद्देश्य
मध्यप्रदेश सरकार ने सितंबर 2020 में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की शुरुआत की थी। योजना का मकसद छोटे और सीमांत किसानों को खेती से जुड़ी आर्थिक जरूरतों में सहारा देना है। इस स्कीम से किसान खेती के छोटे-मोटे खर्च आसानी से पूरा कर सकते हैं, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता और उत्पादन दोनों में सुधार होता है।
योजना के तहत हर पात्र किसान को सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं, जो तीन किस्तों में खाते में ट्रांसफर होते हैं। यह राशि सीधे DBT मोड में आती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
किन किसानों को मिलेगा इसका लाभ
इस योजना का फायदा उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनका नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की लाभार्थी सूची में शामिल है। साथ ही आवेदक मध्यप्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए और उसके पास खेती योग्य भूमि होनी चाहिए।
रजिस्ट्रेशन के लिए किसान के पास फार्मर आईडी, पीएम किसान रजिस्ट्रेशन नंबर, आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज और निवास प्रमाण पत्र जरूरी हैं। इन सभी डॉक्युमेंट्स की मदद से आवेदन प्रक्रिया पूरी की जाती है।
किन्हें नहीं मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में कुछ अपवाद भी रखे गए हैं। ऐसे किसान जो आयकरदाता हैं या किसी संवैधानिक पद (जैसे सांसद, विधायक, मेयर आदि) पर हैं, वे इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा केंद्र या राज्य सरकार में कार्यरत, रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये से अधिक है, वे भी इस योजना के लाभ से वंचित रहेंगे।
किसानों के लिए बड़ा सहारा
कृषि कार्यों में सहायता देने वाली यह डबल बेनिफिट स्कीम किसानों के लिए बड़ा संबल साबित हो रही है। इससे उन्हें सीजनल खेती के खर्च पूरे करने, बुवाई में लगने वाले इनपुट कॉस्ट घटाने और आय में स्थिरता लाने में मदद मिलती है। केंद्र और राज्य सरकारों की यह साझी पहल किसानों को मजबूती देने वाले “इंटीग्रेटेड सपोर्ट सिस्टम” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

















